The Meccan Revelations: al-Futuhat al-Makkiyya

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(وفق مخطوطة قونية)

فهذا قد أبان عن الطريق الموصلة إلى المقام الذي منه رأى ما رأى و سمع ما سمع فهل يوجد من يزول عنه هذا المانع فيصل إلى هذا المقام أم لا فنحن نقول بأنه يزول فإن اللّٰه قد أمر أن يبين للناس ما نزل إليهم و ما أبان عن مانع عن رقى إلى مرتبة عليا إلا ليزال و لا ذكر منزلة زلفى إلا لتنال فمن جد وجد و من قصر فلا يلومن إلا نفسه و علم الاعتبار و علم مقام الصلاح الذي يطلبه الأنبياء عليه السّلام أن يكون لهم و علم ما تنتجه الأعمال البدنية من المعارف الإلهية من طريق الكشف و علم نزول العلم و حكمه في قلوب العلماء و ما فيه من زيادة الفضل على من ليس له هذا المقام و علم تجديد المعدوم و علم إحصاء الأنفاس بالتمحيص لهذا الإنسان دون غيره و علم تقاسيم السكر في المشروب و علم ما هو الصور الذي ينفخ فيه فيكون عن النفخ ما يكون من صعق و بعث بسرعة و علم التوكيل الإلهي على العبيد إلى أن يبلغ مداه و يزول و علم العلم الذي ينزل منزلة العين في الطمأنينة الذي «قال فيه علي رضي اللّٰه عنه لو كشف الغطاء ما ازددت يقينا» و علم التمييز بين الفرق و علم محل الخصام من الدار الأخرى و علم السوابق و حكمها و علم النقص في العالم أنه من كمال العالم و علم مال السعداء و طبقاتهم في السعادة و علم استخراج الكنوز و علم أحكام أصناف الموصوفين بالوجود و علم الذكر المؤقت و غير المؤقت و ما فائدة التوقيت في ذلك و علم ما يهون وروده على من ورد عليه مما لا يهون و علم مراتب العالم فانظر يا ولي أي علم تريده فتعمل في تحصيله من الطريق التي توصلك إليه أو التحلي بالصفة التي تنزله عليك فإنك بين أعمال بدنية و هي محجة السلوك بالأعمال و بين أخلاق روحانية و صفات معنوية إذا كنت عليها نزلت إليك المراتب و تجلت لك من ذاتها و طلبتك لنفسها و إذا كنت صاحب محجة وصلت إلى غايتها بالطلب و فرقان بين الطالب و المطلوب و المراد و المريد ﴿وَ اللّٰهُ يَقُولُ الْحَقَّ وَ هُوَ يَهْدِي السَّبِيلَ﴾ [الأحزاب:4]



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