Les révélations mecquoises: futuhat makkiyah

Volume number (out of 37): [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10] [11] [12] [13] [14] [15] [16] [17]
[18] [19] [20] [21] [22] [23] [24] [25] [26] [27] [28] [29] [30] [31] [32] [33] [34] [35] [36] [37]

الصفحة - من السفر وفق مخطوطة قونية (المقابل في الطبعة الميمنية)

  الصفحة السابقة

المحتويات

الصفحة التالية  
futmak.com - الفتوحات المكية - الصفحة 2431 - من السفر  من مخطوطة قونية

الصفحة - من السفر
(وفق مخطوطة قونية)

[الأمان من الخوف الأعظم]

أما قوله لا تخاف أحدا إلا اللّٰه فهو الخوف الأعظم فإنه هو المسلط و ﴿بِيَدِهِ مَلَكُوتُ كُلِّ شَيْءٍ﴾ [المؤمنون:88] فأين الأمان فهذا تنبيه إدبارنا فإن الشخص الذي يكون في مثل هذه الحال هو في أمان في دنياه و في ماله و على نفسه ممن يؤذيه و هذا مقصد رسول اللّٰه صلى اللّٰه عليه و سلم و اللّٰه هو الذي رزقه الأمان في تلك الحال فيخاف من اللّٰه مما في غيبه مما لا يعلمه و لا يعلم أوانه و لو كان هذا الخائف يخاف اللّٰه مطلقا لتعلق خوفه على دينه فإن سبيل الشيطان إلى قلبه ليست آمنة كما أمنت السبيل الظاهرة التي تمر فيها السفار من الناس و إذا خاف اللّٰه شغله خوفه عن ماله و نفسه و لو لم تكن السبيل آمنة لكان هذا الخائف في أمان فإنه لا يخطر له خاطر إلا في دينه الذي يخاف عليه أن يسلبه حتى أنه لو أصيب في طريقه بتلف مال أو نفس لوقوع لصوص عليه ربما فرح بذلك و استبشر لما له فيه من الأجر الجزيل المدخر و الكفارات و كان حكمه حكم تاجر باع بنسيئة بربح كثير فما أحسن تشبيه النبوة بقوله لا تخاف أحدا إلا اللّٰه فأين الأمان و هو صلى اللّٰه عليه و سلم ما ذكر ذلك لعدي إلا في إن الأمان المعتاد حاصل في ذلك الوقت لما شكا الرجل من قطع السبيل و لكن أدرج رسول اللّٰه صلى اللّٰه عليه و سلم في ذلك الأمان الخوف من اللّٰه لأولي الألباب و النهي ليعم الخطاب العامة بالأمان و الخاصة بالخوف فهو تبين أحوال خاصة اللّٰه أي كونوا على مثل هذه الحالة في أمنكم خائفين من اللّٰه تعالى و هذا من جوامع الكلم لمن نظر و استبصر



هذه نسخة نصية حديثة موزعة بشكل تقريبي وفق ترتيب صفحات مخطوطة قونية
  الصفحة السابقة

المحتويات

الصفحة التالية  
  الفتوحات المكية للشيخ الأكبر محي الدين ابن العربي

ترقيم الصفحات موافق لمخطوطة قونية (من 37 سفر) بخط الشيخ محي الدين ابن العربي - العمل جار على إكمال هذه النسخة.
(المقابل في الطبعة الميمنية)

 
الوصول السريع إلى [الأبواب]: -
[0] [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10] [11] [12] [13] [14] [15] [16] [17] [18] [19] [20] [21] [22] [23] [24] [25] [26] [27] [28] [29] [30] [31] [32] [33] [34] [35] [36] [37] [38] [39] [40] [41] [42] [43] [44] [45] [46] [47] [48] [49] [50] [51] [52] [53] [54] [55] [56] [57] [58] [59] [60] [61] [62] [63] [64] [65] [66] [67] [68] [69] [70] [71] [72] [73] [74] [75] [76] [77] [78] [79] [80] [81] [82] [83] [84] [85] [86] [87] [88] [89] [90] [91] [92] [93] [94] [95] [96] [97] [98] [99] [100] [101] [102] [103] [104] [105] [106] [107] [108] [109] [110] [111] [112] [113] [114] [115] [116] [117] [118] [119] [120] [121] [122] [123] [124] [125] [126] [127] [128] [129] [130] [131] [132] [133] [134] [135] [136] [137] [138] [139] [140] [141] [142] [143] [144] [145] [146] [147] [148] [149] [150] [151] [152] [153] [154] [155] [156] [157] [158] [159] [160] [161] [162] [163] [164] [165] [166] [167] [168] [169] [170] [171] [172] [173] [174] [175] [176] [177] [178] [179] [180] [181] [182] [183] [184] [185] [186] [187] [188] [189] [190] [191] [192] [193] [194] [195] [196] [197] [198] [199] [200] [201] [202] [203] [204] [205] [206] [207] [208] [209] [210] [211] [212] [213] [214] [215] [216] [217] [218] [219] [220] [221] [222] [223] [224] [225] [226] [227] [228] [229] [230] [231] [232] [233] [234] [235] [236] [237] [238] [239] [240] [241] [242] [243] [244] [245] [246] [247] [248] [249] [250] [251] [252] [253] [254] [255] [256] [257] [258] [259] [260] [261] [262] [263] [264] [265] [266] [267] [268] [269] [270] [271] [272] [273] [274] [275] [276] [277] [278] [279] [280] [281] [282] [283] [284] [285] [286] [287] [288] [289] [290] [291] [292] [293] [294] [295] [296] [297] [298] [299] [300] [301] [302] [303] [304] [305] [306] [307] [308] [309] [310] [311] [312] [313] [314] [315] [316] [317] [318] [319] [320] [321] [322] [323] [324] [325] [326] [327] [328] [329] [330] [331] [332] [333] [334] [335] [336] [337] [338] [339] [340] [341] [342] [343] [344] [345] [346] [347] [348] [349] [350] [351] [352] [353] [354] [355] [356] [357] [358] [359] [360] [361] [362] [363] [364] [365] [366] [367] [368] [369] [370] [371] [372] [373] [374] [375] [376] [377] [378] [379] [380] [381] [382] [383] [384] [385] [386] [387] [388] [389] [390] [391] [392] [393] [394] [395] [396] [397] [398] [399] [400] [401] [402] [403] [404] [405] [406] [407] [408] [409] [410] [411] [412] [413] [414] [415] [416] [417] [418] [419] [420] [421] [422] [423] [424] [425] [426] [427] [428] [429] [430] [431] [432] [433] [434] [435] [436] [437] [438] [439] [440] [441] [442] [443] [444] [445] [446] [447] [448] [449] [450] [451] [452] [453] [454] [455] [456] [457] [458] [459] [460] [461] [462] [463] [464] [465] [466] [467] [468] [469] [470] [471] [472] [473] [474] [475] [476] [477] [478] [479] [480] [481] [482] [483] [484] [485] [486] [487] [488] [489] [490] [491] [492] [493] [494] [495] [496] [497] [498] [499] [500] [501] [502] [503] [504] [505] [506] [507] [508] [509] [510] [511] [512] [513] [514] [515] [516] [517] [518] [519] [520] [521] [522] [523] [524] [525] [526] [527] [528] [529] [530] [531] [532] [533] [534] [535] [536] [537] [538] [539] [540] [541] [542] [543] [544] [545] [546] [547] [548] [549] [550] [551] [552] [553] [554] [555] [556] [557] [558] [559] [560]


Veuillez noter que certains contenus sont traduits de l'arabe de manière semi-automatique!