الفتوحات المكية

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الصفحة - من السفر
(وفق مخطوطة قونية)

فجعلها دليلا و اتخذها إلى معرفة العلم الحاصل به سبيلا فقلت له أطلعني على بعض أسرارك حتى أكون من جملة أحبارك فقال انظر في تفاصيل نشأتي و في ترتيب هيأتي تجد ما سألتني عنه في مرقوما فإني لا أكون مكلما و لا كليما فليس علمي بسواي و ليست ذاتي مغايرة لأسمائي فأنا العلم و المعلوم و العليم و أنا الحكمة و المحكم و الحكيم ثم قال لي طف على أثري و انظر إلي بنور قمري حتى تأخذ من نشأتي ما تسطره في كتابك و تمليه على كتابك و عرفني ما أشهدك الحق في طوافك من اللطائف مما لا يشهده كل طائف حتى أعرف همتك و معناك فأذكرك على ما علمت منك هناك

[تلويحات ببعض أسرار الوجود و اكتشاف الذاتية]

فقلت أنا أعرفك أيها الشاهد المشهود ببعض ما أشهدني من أسرار الوجود المترفلات في غلائل النور و المتحدات العين من وراء الستور التي أنشأها الحق حجابا مرفوعا و سماء موضوعا و الفعل إلى الذات لطيف و لعدم دركه على شريف

فوصفه ألطف من ذاته *** و فعله ألطف من وصفه

و أودع الكل بذاتي كما *** أودع معنى الشيء في حرفه

فالخلق مطلوب لمعنى كما *** يطلب ذات المسك من عرفه

و لو لا ما أودع في ما اقتضته حقيقتي و وصلت إليه طريقتي لم أجد لمشربه نيلا و لا إلى معرفته ميلا و لذلك أعود علي عند النهاية و لهذا يرجع فخذ البركار في فتح الدائرة عند الوصول إلى غاية وجودها إلى نقطة البداية فارتبط آخر الأمر بأوله و انعطف أبده على أزله فليس إلا وجود مستمر و شهود ثابت مستقر و إنما طال الطريق من أجل رؤية المخلوق فلو صرف العبد وجهه إلى الذي يليه من غير أن يخل فيه لنظر إلى السالكين إذا وصلوا بعين بئس و اللّٰه ما فعلوا و لو عرفوا من مكانهم ما انتقلوا لكن حجبوا بشفعية الحقائق عن وترية الحق الخالق الذي خلق اللّٰه به الأرض و الطرائق فنظروا مدارج الأسماء و طلبوا معارج الإسراء و تخيلوها أعظم منزلة تطلب و أسنى حالة يقصد الحق تعالى فيها و يرغب فسير بهم على براق الصدق و رفارفه و حققهم بما عاينوه من آياته و لطائفه و ذلك لما كانت النظرة شمالية و كانت الفطرة على النشأة الكمالية تقابل بوجهها في أصل الوضع نقطة الدائرة فشطر مهجتها من الجانب الأيمن منقبة و من الجانب الغربي سافرة فلو سفرت عن اليمين لنالت من أول طرفتها مقام التمكين في مشاهدة التعيين و يا عجبا لمن هو في أعلى عليين و يتخيل أنه في أسفل سافلين



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  الفتوحات المكية للشيخ الأكبر محي الدين ابن العربي

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