الفتوحات المكية

رقم السفر من 37 : [1] [2] [3] [4] [5] [6] [7] [8] [9] [10] [11] [12] [13] [14] [15] [16] [17]
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(وفق مخطوطة قونية)

و من ذلك ما يعطي خطاب الجود و السماحة من الراحة من الباب 372 قال إن كان العماء كالعرش فالخطاب باق «من السائل الذي سأل رسول اللّٰه ﷺ أين كان ربنا قبل أن يخلق الخلق فقال ﷺ كان في عما ما فوقه هواء و ما تحته هواء» فإن قصد السائل بالخلق كل ما سوى اللّٰه فما هو العماء و هذه مسألة خفية جدا و قال بالاستواء صح نزوله تعالى كل ليلة إلى السماء و مع هذا فهو مع عباده أينما كانوا و لما علم إن بعض عباده يقولون في مثل هذا بعلمه أعلم في هذه الآية ﴿إِنَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ﴾ [الشورى:12] ليغلب على ظن السامع أنه ليس على ما تأولوه فإنا لا نشك أنه يحيط بنا علما أينما كنا و كيف لا يعلم ذلك و هو خلقنا و خلق الأبنية التي نحن فيها و كذلك لو قال في تمامها على كل شيء شهيد و قال لكل اسم من الأسماء الحسنى وجوه في التجليات لا تتناهى و إن تناهت الأعمار في الدنيا فلا نهاية لها في الآخرة

[سر الانخناث إلحاق الذكران بالإناث]

و من ذلك سر الانخناث إلحاق الذكران بالإناث من الباب 373 قال الخنثى إذا كمل نكح و نكح فولد و أولد فحاز الشهوتين فمن أنزله منزلة البرزخ أعطاه الكمال و من وقف مع عدم تمكنه من الانخناث أعطاه النقص عن درجة الكامل فهو بحسب ما يعتبره من ينظر فيه و المعتبر بحسب ما يقام فيه و قال المترجلات من النساء كالمتخنثين من الرجال فإن خلقوا على ذلك فهم بحسب ما خلقوا عليه و ما ذم إلا التغمل فاحذر منه و قال كملت مريم ابنة عمران و آسية امرأة فرعون فقد ثبت الكمال للنساء كما أثبته للرجال ﴿وَ لِلرِّجٰالِ عَلَيْهِنَّ دَرَجَةٌ﴾ [البقرة:228] فما هو هذا الكمال إن كان الانفعال فخذه إلى عيسى عليه السّلام و قال لآدم على النساء درجة و لمريم على عيسى درجة لا على الرجال فالدرجة لم تزل باقية و بها حاز الرجل الثلث الثاني فكان له الثلثان فلو وقعت المساواة لكانا في المال على السواء و قال تعجب زكريا مما تعجبت منه مريم و سارة فلحق الرجال بالنساء و ثم ما هو أعجب



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