Les révélations mecquoises: futuhat makkiyah

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﴿وَ مٰا خَلَقْتُ الْجِنَّ وَ الْإِنْسَ إِلاّٰ لِيَعْبُدُونِ﴾ [الذاريات:56] أي يتذللوا لعزتي و يعرفوا منزلتي من منزلتهم فطريقة الإنسان العبادة فإنه عبد و العبد مقيد بسيده كما إن السيد مقيد بوجه بعبده فإنه المسود و اللّٰه ﴿غَنِيٌّ عَنِ الْعٰالَمِينَ﴾ [آل عمران:97] فلم يلحق الممكن بدرجة المحال فزها عليه بقبوله الوجود الذي هو صفة إلهية و لم يلحق بدرجة الوجود المطلق لأن وجوده مستفاد مقيد فإذا نظر إلى المحال و درجته و ما حصل له من ربه من الوجود و نظر في نفسه قبوله و امتيازه من المحال أدركه الكبرياء فعصى و قال ﴿أَنَا رَبُّكُمُ الْأَعْلىٰ﴾ [النازعات:24] و ادعى الألوهة و ما ادعاها أحد من الجن و إذا نظر إلى افتقاره إلى واجب الوجود و استفادته الوجود منه و منته به عليه وجب الشكر عليه فذل و أطاع ربه فطاعته من وجه ما خلق له و معصيته من وجه ما خلق عليه و شهوده المحال الذي ليس له هذه المرتبة فلو لم يكن المحال رتبة ثالثة ما وجد الممكن على من يزهو فإن الشيء لا يزهو على نفسه و المفتقر لا يزهو على المفتقر إليه فلم يكن يتصور أن تقع معصية من الممكن فانظر ما أعجب ما تعطيه الحقائق من الآثار و الحمد لله على إن علمنا ما لم نكن نعلم و فهمنا ما لم نكن نفهم و كان فضل اللّٰه علينا عظيما : و هذا القدر كاف في هذا الباب و يحتوي هذا المنزل على علم الدعاء و علم النبوة و علم خطاب الكل في عين الواحد و علم الزمان و علم التقوى و علم التعدي و علم البرهان و تركيبه و علم مكارم الأخلاق و علم منزلة نفس الإنسان عند اللّٰه من غيره و علم العجز و علم الايمان و علم الأنفاس و علم التوكل و علم الغيب و علم الميزان و علم التقديس و علم حضرة الشكوك و علم من تقدس بعد الخبث و علم التكوين و علم التعليم و علم الحياة الآخرة و علم الإجارة من غيره و علم الرحمة و علم الشدة و علم الربح و الخسران و علم مدارك العقول و علم نهاية المطلب و علم الأمر الإلهي و علم العالم و علم الاقتدار الإلهي و علم الإحاطة و هل ينتهي علم اللّٰه في العالم أم لا و ما رأيت قائلا به إلا شخصا واحدا بمكة كان يرى هذا الرأي و هو مذهب معروف لكني ما كنت رأيت قائلا به فإنه ما من مذهب إلا و قد رأيت قائلا به فالله يسلك بنا سواء السبيل ﴿وَ اللّٰهُ يَقُولُ الْحَقَّ وَ هُوَ يَهْدِي السَّبِيلَ﴾ [الأحزاب:4]



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