Les révélations mecquoises: futuhat makkiyah

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الصفحة - من السفر
(وفق مخطوطة قونية)

[العدم للممكن ذاتي]

فإن العدم للممكن ذاتي أي من حقيقة ذاته أن يكون معدوما و الأشياء إذا اقتضت أمورا لذواتها فمن المحال زوالها فمن المحال زوال حكم العدم عن هذه العين الممكنة سواء اتصفت بالوجود أو لم تتصف فإن المتصف بالوجود ما هو عين الممكن و إنما هو الظاهر في عين الممكن الذي سمي به الممكن مظهرا لوجود الحق فكل شيء هالك فلهذا نفينا عن الحق إطلاق لفظ الشيء عليه و يكون الاستثناء استثناء منقطعا مثل قوله ﴿فَسَجَدَ الْمَلاٰئِكَةُ كُلُّهُمْ أَجْمَعُونَ إِلاّٰ إِبْلِيسَ﴾

[الممكن قبل الوجود بالترجيح]

أ لا ترى لما استحق الحق الوجود لذاته استحال عليه العدم كذلك إذا استحق الممكن العدم لذاته استحال وجوده فلهذا جعلناه مظهرا قلنا في كتاب المعرفة إن الممكن ما استحق العدم لذاته كما يقوله بعض الناس و إنما الذي استحقه الممكن تقدم اتصافه بالعدم على اتصافه بالوجود لذاته لا العدم و لهذا قبل الوجود بالترجيح إذن فالعدم المرجح عليه الوجود ليس هو العدم المتقدم على وجوده و إنما هو العدم الذي له في مقابلة وجوده في حال وجوده أن لو لم يكن الوجود لكان العدم فذلك العدم هو المرجح عليه الوجود في عين الممكن هذا هو الذي يقتضيه النظر العقلي

[الوجود في الممكن ليس عين الموجود]

و أما مذهبنا فالعين الممكنة إنما هي ممكنة لأن تكون مظهر إلا لأن تقبل الاتصاف بالوجود فيكون الوجود عينها إذن فليس الوجود في الممكن عين الموجود بل هو حال لعين الممكن به يسمى الممكن موجودا مجازا لا حقيقة لأن الحقيقة تأبى أن يكون الممكن موجودا فلا يزال كل شيء لك كما لم يزل لم يتغير عليه نعت و لا تغير على الوجود نعت فالوجود وجود و العدم عدم و الموصوف بأنه موجود موجود و الموصوف بأنه معدوم معدوم هذا هو نفس أهل التحقيق من أهل الكشف و الوجود

[الشخص الذي هو وجه كله]



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