Les révélations mecquoises: futuhat makkiyah

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و قال الآخر في هذا المقام أنا اللّٰه فإذا أحببت مثلك شخصا هذا الحب ردك إلى اللّٰه شهودك فيه هذا الرد فأنت ممن أحبه اللّٰه و كانت هذه الفتنة فتنة أعطتك المهداة و أما الطريقة الأخرى في حب النساء فإنهن محال الانفعال و التكوين لظهور أعيان الأمثال في كل نوع و لا شك أن اللّٰه ما أحب أعيان العالم في حال عدم العالم إلا لكون تلك الأعيان محل الانفعال فلما توجه عليها من كونه مريدا قال لها كن فكانت فظهر ملكه بها في الوجود و أعطت تلك الأعيان لله حقه في الوهته فكان إلها فعبدته تعالى بجميع الأسماء بالحال سواء علمت تلك الأسماء أو لم تعلمها فما بقي اسم لله إلا و العبد قد قام فيه بصورته و حاله و إن لم يعلم نتيجة ذلك الاسم و هو الذي «قال فيه رسول اللّٰه ﷺ في دعائه بأسماء اللّٰه أو استأثرت به في علم غيبك أو علمته أحدا من خلقك» يعني من أسمائه أن يعرف عينه حتى يفصله من غيره علما فإن كثيرا من الأمور في الإنسان بالصورة و الحال و لا يعلم بها و يعلم اللّٰه منه أن ذلك فيه فإذا أحب المرأة لما ذكرناه فقد رده حبها إلى اللّٰه تعالى فكانت نعمة الفتنة في حقه فأحبه اللّٰه برجعته إليه تعالى في حبه إياها و أما تعلقه بامرأة خاصة في ذلك دون غيرها و إن كانت هذه الحقائق التي ذكرناها سارية في كل امرأة فذلك لمناسبة روحانية بين هذين الشخصين في أصل النشأة و المزاج الطبيعي و النظر الروحي فمنه ما يجري إلى أجل مسمى و منه ما يجري إلى غير أجل بل أجله الموت و التعلق لا يزول كحب النبي ﷺ عائشة فإنه كان يحبها أكثر من حبه جميع نسائه و حبه أبا بكر أيضا و هو أبوها فهذه المناسبات الثواني هي التي تعين الأشخاص و السبب الأول هو ما ذكرناه و لذلك الحب المطلق و السماع المطلق و الرؤية المطلقة التي يكون عليها بعض عباد اللّٰه ما تختص بشخص في العالم دون شخص فكل حاضر عنده له محبوب و به مشغول و مع هذا لا بد من ميل خاص لبعض الأشخاص لمناسبة خاصة مع هذا الإطلاق لا بد من ذلك فإن نشأة العالم تعطي في آحاده هذا لا بد من تقييد و الكامل من يجمع بين التقييد و الإطلاق فالإطلاق مثل «قول النبي ﷺ حبب إلي من دنياكم ثلاث النساء و ما خص امرأة من امرأة» و مثل التقييد «ما روى من حبه عائشة أكثر» «من سائر نسائه» لنسبة إلهية روحانية قيدته بها دون غيرها مع كونه يحب النساء فهذا قد ذكرنا من الركن الواحد ما فيه كفاية لمن فهم

و أما الركن الثاني من بيت الفتن و هو الجاه المعبر عنه بالرياسة



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