الفتوحات المكية

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﴿وَ مٰا خَلَقْنَا السَّمٰاءَ وَ الْأَرْضَ وَ مٰا بَيْنَهُمٰا بٰاطِلاً﴾ [ص:27] و من هنا يقع التنبيه على معرفة الحكمة التي أوجد اللّٰه لها العالم و أن اسمه الحق تعالى حق و قوله ﴿فَإِنَّ اللّٰهَ غَنِيٌّ عَنِ الْعٰالَمِينَ﴾ [آل عمران:97] إن معناه غني عن وجوده لا عن ثبوته فإن العالم في حال ثبوته يقع به الاكتفاء و الاستغناء عن وجوده لأنه و في الألوهة حقها بإمكانه و لو لا طلب الممكنات و افتقارها إلى ذوق الحالات و أرادت أن تذوق حال الوجود كما ذاقت حال العدم فسألت بلسان ثبوتها واجب الوجود أن يوجد أعيانها ليكون العلم لها ذوقا فأوجدها لها لا له فهو الغني عن وجودها و عن إن يكون وجودها دليلا عليه و علامة على ثبوته بل عدمها في الدلالة عليه كوجودها فأي شيء رجح من عدم أو وجود حصل به المقصود من العلم بالله فلهذا علمنا إن غناه سبحانه عن العالم عين غناه عن وجود العالم و هذه مسألة غريبة لاتصاف الممكن بالعدم في الأزل و كون الأزل لا يقبل الترجيح و كيف قبله عدم الممكن مع أزليته و ذلك أنه من حيث ما هو ممكن لنفسه استوى في حقه القبول للحكمين فيما يفرض له حال عدم إلا و يفرض له حال وجود فما كان له الحكم فيه في حال الفرض فهو مرجح فالترجيح ينسحب على الممكن أزلا في حال عدمه و إنه منعوت بعدم مرجح و الترجيح من المرجح الذي هو اسم الفاعل لا يكون إلا بقصد لذلك و القصد حركة معنوية يظهر حكمها في كل واحد بحسب ما تعطيه حقيقته فإن كان محسوسا فرغ حيزا و شغل حيزا و إن كان معقولا أزال معنى و أثبت معنى و نقل من حال إلى حال و في هذا المنزل من العلوم علوم شتى منها علم الدعاء المقيد و الدعاء المطلق و ما ينبغي أن يقال لكل مدعو و يعامل به و منها علم الحركات و أسبابها و نتائجها و منها علم منزلة من تكلم فيما لا يعلم و يتخيل أنه يعلم هل ما تكلم به علم في نفس الأمر أم ليس بعلم أم يستحيل أن يكون إلا علما لكن لا يعلمه هذا المتكلم و هل ظهر مثل هذا في العالم و هو خلق لله لتمييز المراتب فيعلم به مرتبة الجهل من العلم و الجاهل من العالم أو ما ثم إلا علم و منها علم تعيين من جعل اللّٰه الحيرة في العالم على يديه و هل الحيرة تعطي سعادة على الإطلاق أو شقاوة أو فيها تفصيل منها ما يعطي سعادة و منها ما يعطي شقاوة و هل المتحير فيه هل كونه متحيرا فيه اسم مفعول لذاته أم يمكن أن لا يتحير فيه و فيه علم سبب الاحتراق الذي يجده صاحب الحيرة في باطنه في حال حيرته و هل إذا علم الحائر أن الذي تحير فيه لا يكون العلم به إلا عين التحير فيه فيزول عنه ألم الاحتراق و منها علم نصب الأدلة كيف رتبها اللّٰه للعقلاء أصحاب النظر و الإستبصار و منها علم غريب و هو هل يمكن أن يمر على القابل للعلوم زمان لا يستفيد فيه علما أم لا و منها علم الرتبة الإلهية هل تحجب عن اللّٰه أو تدل على اللّٰه و صفة من تحجبه و صفة من تكون له دلالة على خالقه و منها علم كون اللّٰه ما أوجد واحدا قط و لا يصح و إنما أوجد اثنين فصاعدا معا من غير تقدم في الوجود و لا تأخر و منها علم كون الحق لا تثبت له أحدية إلا في ألوهيته و أما في وجوده فلا بد من معقولين فصاعدا فاجعل ذلك ما شئت إما نسبا أو صفات بعد أن لا تعقل أحدية و منها علم تعلق الأسماء الإلهية بالكائنات و منها علم سعى الآخرة إلى أن تجيء و من أين جاءت و ما هذه الحركة المنسوبة إليها و منها علم معقول الدنيا و الآخرة ما هو و منها علم جهل من أعرض عن اللّٰه و أينما



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