الفتوحات المكية

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الصفحة - من السفر
(وفق مخطوطة قونية)

فأوقع التشبيه في عدم الأبوة الذكرانية من أجل أنه نصبه دليلا لعيسى في براءة أمه و لم يوقع التشبيه بحواء و إن كان الأمر عليه لكون المرأة محل التهمة لوجود الحمل إذ كانت محلا موضوعا للولادة و ليس الرجل بمحل لذلك و المقصود من الأدلة ارتفاع الشكوك و في حواء من آدم لا يقع الالتباس لكون آدم ليس محلا لما صدر عنه من الولادة و هذا لا يكون دليلا إلا عند من ثبت عنده وجود آدم و تكوينه و التكوين منه و كما لا يعهد ابن من غير أب كذلك لا يعهد من غير أم فالمثل من طريق المعنى أن عيسى كحواء و لكن لما كان الدخل بتطرق في ذلك من المنكر لكون الأنثى كما قلنا محلا لما صدر عنها و لذلك كانت التهمة كان التشبيه بآدم لحصول براءة مريم مما يمكن في العادة فظهور عيسى بن مريم من غير أب كظهور حواء من آدم من غير أم و هو الأب الثاني

[انفصال حواء من آدم]

و لما انفصلت حواء من آدم عمر موضعها منه بالشهوة النكاحية إليها التي وقع بها الغشيان لظهور التناسل و التوالد و كان الهواء الخارج الذي عمر موضعه جسم حواء عند خروجها إذ لا خلاء في العالم فطلب ذلك الجزء الهوائي موضعه الذي أخذته حواء بشخصيتها فحرك آدم لطلب موضعه فوجده معمورا بحواء فوقع عليها فلما تغشاها حملت منه فجاءت بالذرية فبقي ذلك سنة جارية في الحيوان من بنى آدم و غيره بالطبع لكن الإنسان هو الكلمة الجامعة و نسخة العالم فكل ما في العالم جزء منه و ليس الإنسان بجزء لواحد من العالم و كان سبب هذا الفصل و إيجاد هذا المنفصل الأول طلب الأنس بالمشاكل في الجنس الذي هو النوع الأخص و ليكون في عالم الأجسام بهذا الالتحام الطبيعي الإنساني الكامل بالصورة الذي أراده اللّٰه ما يشبه القلم الأعلى و اللوح المحفوظ الذي يعبر عنه بالعقل الأول و النفس الكل و إذا قلت القلم الأعلى فتفطن للاشارة التي تتضمن الكاتب و قصد الكتابة فيقوم معك معنى «قول الشارع إن اللّٰه خلق آدم على صورته»



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  الفتوحات المكية للشيخ الأكبر محي الدين ابن العربي

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