Mekkeli Fetihler: futuhat makkiyah

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[النبوة العامة و نبوة التشريع]

فإن النبوة التي انقطعت بوجود رسول اللّٰه صلى اللّٰه عليه و سلم إنما هي نبوة التشريع لا مقامها فلا شرع يكون ناسخا لشرعه صلى اللّٰه عليه و سلم و لا يزيد في حكمه شرعا آخر و هذا معنى «قوله صلى اللّٰه عليه و سلم إن الرسالة و النبوة قد انقطعت فلا رسول بعدي و لا نبي» أي لا نبي بعدي يكون على شرع يخالف شرعي بل إذا كان يكون تحت حكم شريعتي و لا رسول أي لا رسول بعدي إلى أحد من خلق اللّٰه بشرع يدعوهم إليه فهذا هو الذي انقطع و سد بابه لا مقام النبوة

[عيسى ينزل في آخر الزمان حكما مقسطا بشرعنا]

فإنه لا خلاف إن عيسى عليه السلام نبي و رسول و أنه لا خلاف أنه ينزل في آخر الزمان حكما مقسطا عدلا بشرعنا لا بشرع آخر و لا بشرعه الذي تعبد اللّٰه به بنى إسرائيل من حيث ما نزل هو به بل ما ظهر من ذلك هو ما قرره شرع محمد صلى اللّٰه عليه و سلم و نبوة عيسى عليه السلام ثابتة له محققة فهذا نبي و رسول قد ظهر بعده صلى اللّٰه عليه و سلم و هو الصادق في قوله إنه لا نبي بعده فعلمنا قطعا أنه يريد التشريع خاصة و هو المعبر عنه عند أهل النظر بالاختصاص و هو المراد بقولهم إن النبوة غير مكتسبة

[مراد القائلين باكتساب النبوة]

و أما القائلون باكتساب النبوة فإنهم يريدون بذلك حصول المنزلة عند اللّٰه المختصة من غير تشريع لا في حق أنفسهم و لا في حق غيرهم فمن لم يعقل النبوة سوى عين الشرع و نصب الأحكام قال بالاختصاص و منع الكسب فإذا وقفتم على كلام أحد من أهل اللّٰه أصحاب الكشف يشير بكلامه إلى الاكتساب كأبي حامد الغزالي و غيره فليس مرادهم سوى ما ذكرناه و قد بينا هذا في فصل الصلاة على النبي صلى اللّٰه عليه و سلم في آخر باب الصلاة من هذا الكتاب



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